Xxx वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स का मजा मुझे खुद मेरी चचेरी बहन ने दिया. एक रात मैं सो रहा था तो वह मेरे बिस्तर पर आ गयी और मेरा लंड पकड़ लिया.
दोस्तो, मेरा नाम अमित है और मेरी चचेरी बहन का नाम सुभी है.
मैं कानपुर का रहने वाला हूं.
यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी चचेरी बहन के बीच हुई चुदाई की कहानी है.
मैं इस साइट का पुराना पाठक हूं. यह चुदाई मेरा पहला अनुभव है.
मेरे परिवार में मैं और मम्मी-पापा और दो बहनें हैं.
यह Xxx वर्जिन सिस्टर फिंगर सेक्स की बात अभी एक हफ्ते पहले की ही है.
मेरी ताईजी और मेरी चचेरी छोटी बहन लड़का देखने के लिए आई थीं तो वे लोग मेरे घर ही रुक गई थीं.
उस वक्त तक मेरी अपनी बहन पर नियत खराब नहीं थी.
लेकिन उस रात मैं बाथरूम में पेशाब कर रहा था, उसी वक्त अनायास ही पीछे से वह भी आ गई.
उसने मेरा 6.5 इंच का खड़ा लंड देख लिया.
एक पल को वह मेरे लौड़े को देखती ही रह गई, फिर उसने नजरों को फेर लिया.
जब वह लंड को देख रही थी, उस वक्त मैं लौड़े को झटकार कर मूत्र की अंतिम बूंदों को लंड से अलग करने का प्रयास कर रहा था और चूंकि उस वक्त मेरा लंड काफी कड़क स्थिति में था, तो मूत्र बिन्दु छिटक छिटक कर सामने दीवार पर गिर रहे थे.
वह दृश्य मुझे भी कामुक लग रहा था तो मैं अपने लंड को मस्ती से हिलाता हुआ उसकी सख्ती से मुदित हो रहा था.
यह दृश्य शायद मेरी बहन भी देख रही थी और उसी वक्त मेरी नजरें उसके ऊपर पड़ीं.
उसने झट से अपनी नजरें हटा ली और बाहर चली गई.
मैं अवाक था और बिना कुछ कहे बाथरूम से निकल कर बिस्तर पर आ गया. मैं बस चुपचाप सोने का प्रयास करने लगा.
अगले दिन जब वह नहा कर बाथरूम से निकली तो उसने टॉवल लपेटा हुआ था.
उसकी गोरी जांघें और बूब्स के ऊपर की गोरी त्वचा देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा.
उसने भी यह बात नोटिस कर ली कि मैं उसकी रानें देख रहा हूँ.
मुझे उस वक्त तक सच में कुछ भी पता नहीं था कि आगे क्या होने वाला था.
रात हुई तो मुझे मेरे सीने पर कुछ महसूस हुआ, मैंने थोड़ी सी नजर उठा कर देखा तो यह मेरी बहन थी और वह अपनी 30 इंच की रसभरी चूचियों को मेरे सीने से रगड़ रही थी.
मैं आंखें मूँद लीं और उसके मम्मों की मक्खन सी मुलायमियत को महसूस करने लगा.
धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसे ये बात पता चल गई थी.
वह मुझे तड़पाना चाहती थी इसलिए उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहला कर उसकी सख्ती का जायजा लिया … फिर उस पैंट से बाहर निकल कर अपने मुँह में ले लिया.
उसकी इस हरकत से मेरी मीठी सिसकारी निकल गई.
दूसरी तरफ मेरी बहन बहुत प्यार से मेरे लौड़े को चूसने लगी.
कुछ देर लंड चूस कर उसने मुझे आग में जलता हुआ सा छोड़ दिया और लौड़े पर एक चुम्मी करके चली गई.
उस रात मैं घायल शेर सा तड़फता रहा और किसी तरह से लंड की मुठ मार कर सो गया.
सुबह मौका देख कर मैंने उससे पूछा- रात में वह सब क्या था?
तो वह इठला कर बोली- क्या था मतलब? अच्छा नहीं लगा क्या?
मैंने कुछ जवाब नहीं दिया तो वह हंस कर चली गई.
फिर बाद में उसने वापस आकर मुझे आगे से कुछ भी करने से मना कर दिया.
लेकिन अब तक तो मेरी आग भड़क चुकी थी इसलिए मैंने सोच लिया कि शुरू इसने किया था … तो खत्म मैं करूंगा.
जब वह सो गई, तब मेरा खेल शुरू हुआ.
पहले मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाना शुरू किया और उसकी नाभि पर किस करने लगा.
उसके जिस्म की खुशबू, मुझे उसकी ओर खींचने लगी. मैं और आगे बढ़ने लगा.
धीरे धीरे टी-शर्ट को गले तक ले गया.
इससे उसके बूब्स ब्रा की कैद से बाहर आने को बेताब दिख रहे थे.
मैंने ब्रा के ऊपर से धीरे धीरे उसके बूब्स को सहलाना शुरू किया, फिर हौले हौले से उसके दूध दबाने लगा.
तभी वह मादक अंगड़ाई लेने लगी.
इसका मतलब था कि उसे अच्छा लग रहा था.
तो मैंने उसके नीचे हाथ डाला और उसे धीरे से ऊपर को उठा कर उसके दूध पर होंठ फेरने चालू कर दिए.
मैंने अपने होंठों को उसके निप्पल पर घुमाया तो उसके होंठों पर स्माइल आने लगी.
ऐसे करते करते मैं उसके बूब्स दबाने लगा और बारी बारी से चूसने लगा.
उसके होंठों पर शरारती मुस्कान आ गई थी और लग रहा था मानो वह कुछ कहना चाहती थी.
शायद वह मेरे होंठों को पीना चाहती थी.
मैंने उसके मम्मों से अपने होंठों को नीचे सरकाना शुरू कर दिया. मेरे होंठ उसके शॉर्ट्स के पास आ गए.
मैंने शॉर्ट्स को धीरे से मुँह से पकड़ कर नीचे कर दिया.
आह उसकी चूत की कामुक गंध मेरे नथुनों में समाने लगी थी.
मैंने चुत पर हाथ फेरा, तो उसकी आह निकल गई.
चुत पर हाथ फेरते ही मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल हैं.
मैंने अपनी दाढ़ी को उसकी चूत पर रख दिया और ठोड़ी की मदद से हल्के हल्के से सहलाने लगा जिससे वह चादर को अपनी मुट्ठी में भर कर कसके खींचने लगी.
अब मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरी और जीभ को चुत पर नीचे से ऊपर तक चाटा.
जिससे वह पागल हो गई और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैं उसकी चूत को जोर जोर से चूसने चाटने लगा, जिससे उसकी आह निकलने लगी.
वह जोर जोर से सांस लेती हुई झड़ गई और मैं उसकी चूत से बहते सारे पानी को धीरे धीरे करके पीता चला गया.
अब मैंने उठ कर वापस ऊपर का रुख किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा व उसे उसकी चूत के रस का स्वाद चखाने लगा.
अब वह पूरी तरह से जाग चुकी थी, बस सोने का नाटक कर रही थी.
मुझे भी यह समझ में आ गया था.
मेरा साढ़े छह इंच का लंबा और ढाई इंच का मोटा लंड वह देख चुकी थी.
उस वक्त मेरे लंड ने अपना वही सख्त रूप अख्तियार कर लिया था और वह अपने असली रंग में आ चुका था.
लंड एकदम टाइट था और बस बहन की चूत में घुस जाना चाहता था.
फिर मैं पलंग से उतरा और नीचे खड़े होकर उसके होंठों पर अपने लंड को रख कर हिलाने लगा.
वह मेरे लंड की खुशबू से अपने आप को रोक नहीं पाई और उसने फट से मुँह खोल दिया.
उसने मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसती हुई सहलाने लगी.
वह बार बार लंड को अन्दर तक ले रही थी और बाहर निकाल कर लंड के टोपे को चूस रही थी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
तभी मैंने उसके मुँह में एक तेज झटका लगा दिया.
वह मेरे लंड को पूरा अन्दर लेती चली गई और उसकी आंखें बड़ी बड़ी होकर खुल गईं.
पर उसकी आंख में एक न/शा दिख रहा था.
वह चुदाई का न.शा था.
वह एक दो पल के बाद मेरे लंड को पुनः मस्ती से चूसने लगी.
कुछ मिनट तक तो मैंने खुद को रोक कर रखा, फिर जब संयम टूट गया तो मेरे लंड से माल निकलने लगा.
वह मेरे पूरे वीर्य को बड़े प्यार से चूस चूस कर पी गई.
हम दोनों वहीं लेट गए.
अब हम दोनों के ऊपर चुदाई का न.शा चढ़ चुका था.
बस फिर क्या था … हम दोनों एक दूसरे की आंखों में एक दूसरे के लिए तड़प देख कर वापस शुरू हो गए.
मैंने उसके कान में कहा- चल इधर से नीचे वाले कमरे में चलते हैं.
वह तुरंत मान गई और नीचे चल दी.
मैं उसके पीछे चल दिया.
नीचे जाते ही हम दोनों कमरे में घुस गए और दरवाजे लगा कर हम दोनों ने एक दूसरे को कुछ ही पलों में नंगा कर दिया.
एक दूसरे के होंठों को पीने लगे, मेरे हाथ उसके दोनों दूध मसलने लगे.
आह … क्या ही बताऊं आपको उस वक्त की वे सब फीलिंग्स … जो कुछ भी हो रहा था … बहुत ही अच्छा अनुभव था.
फिर मैंने उससे बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत पर टूट पड़ा.
उसकी चूत के दाने को खींच खींच कर चूसने लगा.
वह गर्म आहें भरने लगी.
उसकी कामुक आवाजें ‘ऊओ … आआह … उफ … आआह.’ सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था.
वह बड़बड़ाने लगी- बहनचोद मैं नहीं चाहती कि तू मुझे चोदे, पर अब रहा नहीं जा रहा … आह साले बस मेरी कुंवारी बुर को चोद डाल आह इसका सारा रस निकाल डाल … मां के लौड़े!
उसने मुझे गाली दी तो मैंने उसे बिना बताए उसकी चूत में एक साथ तीन उंगलियों को डाल दिया.
Xxx वर्जिन सिस्टर फिंगर सेक्स से एकदम से कराह उठी और उसने जोश में अपनी गांड पूरी ऊपर उठा डाली.
वह गाली देने लगी- आह मादरचोद आह साले लौड़े से चोद हरामी!
यह सुनकर मैंने अपनी उंगलियों को फिर से अन्दर पेला और इस बार तेज तेज आगे पीछे करने लगा.
उसके आंसू निकल पड़े और वह कहने लगी- आह लग रही है … प्लीज़ उंगली निकाल ले और लंड डाल दे कुत्ते!
पर मैंने उस पर तरस नहीं दिखाया और उंगली निकाल कर अपनी जीभ को चूत में डाल कर चाटने लगा.
उसे मेरी जीभ से राहत मिल गई और वह जोर जोर से अपने चूचे दबाने लगी.
मैंने उसके बदन पर जगह जगह पर हल्के हल्के दांत के निशान बना दिए.
वह मुझसे खुद को छुड़वाने के लिए तड़पने लगी. मैं नहीं माना और उसकी चुत को चूसता रहा.
इसी बीच वह अकड़ती हुई झड़ भी गई.
मैंने उसकी चूत के पानी को पूरा पी लिया.
वह बहुत खुश हुई और एक लंबे फ्रेंच किस करने के बाद उसने खुद अपने हाथ से पकड़ पकड़ कर मुझे अपनी दोनों चूचियां पिलाईं.
तभी घड़ी से घंटा बजने की आवाज आई.
तो मैंने देखा कि घड़ी में सुबह के 4 बजने वाले थे.
अब मुझे लगा कि इससे पहले कोई जाग जाए, हम दोनों को चुदाई का मजा ले लेना चाहिए.
मैंने उससे कहा तो उसने कहा- नहीं, आज नहीं कल करेंगे और पूरी रात करेंगे!
मैंने कहा- कल कहीं तुम चली न जाओ!
उसने वादा किया कि वह किसी बहाने से एक दो दिन और यहीं रुक जाएगी और मुझे अपनी चूत का मजा देकर ही जाएगी.
कमरे से बाहर जाने से पहले हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया.
उसने मेरा लंड चूसा और मैंने उसकी चूत चूसी.
फिर मैंने उसको ब्रा और पैंटी पहनाई, फिर एक दूसरे के होंठों को पीते हुए छत पर गए और अपनी अपनी जगह सो गए.
Xxx वर्जिन सिस्टर फिंगर सेक्स के बाद क्या हुआ, ये आपको अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
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